देव दीपावली मनाने बनारस पहुंचे पीएम मोदी, किसान आंदोलन पर दिया ये जवाब
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो अभी हुआ ही नहीं है और भविष्य में भी नहीं होगा, उसे लेकर समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है.
वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमत्री ने किसान आंदोलन पर कहा कि सरकार किसानों की हर समस्या को सुलझाने के लिए लगातार काम कर रही है. (Image-ANI)
वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमत्री ने किसान आंदोलन पर कहा कि सरकार किसानों की हर समस्या को सुलझाने के लिए लगातार काम कर रही है. (Image-ANI)
PM Modi on farmers protest: कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Ournima 2020) के अवसर पर देव दीपावली (Dev Deepawali) मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बनारस पहुंच गए हैं. नए कृषि कानूनों को लेकर हो रहे किसान आंदोलन के लिए उन्होंने विपक्षी दलों पर जमकर लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि भविष्य की आशंकाओं को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है और किसानों को भ्रमित किया जा रहा है.
बनारस पहुंच कर उन्हें सबसे पहले कई विकास योजनाओं का लोकार्पण किया. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के हड़िया-प्रयागराज और राजा तलाब-वाराणसी के छह लेन चौडीकरण परियोजना का लोकार्पण किया.
जनसभा को किया संबोधित (PM Modi Speech In Varanasi)
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में काशी के सुंदरीकरण के साथ-साथ यहां की कनेक्टिविटी पर जो काम हुआ है, उसका लाभ सभी को मिल रहा है. नए हाई-वे हों, पुल-फ्लाईओवर हों, ट्रैफिक जाम कम करने के लिए रास्तों को चौड़ा करना हो, जितना काम बनारस और आसपास में अभी हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ.
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किसान आंदोलन पर दिया यह जवाब (PM Modi on Kisan Andolan )
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन (farmers protest) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधारों (New farm laws) से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं. पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे. अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है. किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है.
There's new trend now, earlier decisions of govt were opposed, now rumours have become basis for opposition. Propaganda is spread that although decision is fine, it can lead to other consequences, about things that haven't happened or will never happen. Same is with farm laws: PM pic.twitter.com/klMhThLCHo
— ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2020
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर उन्होंने कहा कि सरकारें नीतियां बनाती हैं, कानून-कायदे बनाती हैं. नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है. ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है.
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं हैं, कुछ सवाल हैं, तो उनका जवाब भी सरकार निरंतर दे रही है. उन्होंने भरोसा जताया कि आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे.
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विपक्षी दलों पर निशाना
प्रधानमंत्री ने आंदोलन को एक साजिश बताते हुए कहा कि विरोध का आधार फैसला नहीं है बल्कि भ्रम फैलाकर, आशंकाएं फैलाकर, भविष्य की अनहोनी घटनाओं का आधार बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले कहते हैं कि फैसला तो ठीक है, लेकिन भविष्य में इसे लेकर क्या-क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता. विरोधी दल बिना आधार की दलीलें दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो अभी हुआ ही नहीं है और भविष्य में भी नहीं होगा, उसे लेकर समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है.
गिनाये किसानों के फायदे (Farmers Income)
प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते कहा कि जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होता है, तो इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को होता है. बीते कई सालों में ये प्रयास हुआ है कि गांवों में आधुनिक सड़कों के साथ स्टोरेज और कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं तैयार हो जाएं. इन सुविधाओं को तैयार करने के लिए इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड भी बनाया गया है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वाराणसी में पेरिशेबल कार्गो सेंटर बनने के कारण अब यहां के किसानों को अब फल और सब्जियों को स्टोर करके रखने और उन्हें आसानी से बेचने की बहुत बड़ी सुविधा मिली है. इस स्टोरेज कैपेसिटी के कारण पहली बार यहां के किसानों की उपज बड़ी मात्रा में निर्यात हो रही है.
किसानों की आमदनी दोगुना करने के प्रयास (Doubling Farmers' Income)
उन्होंने कहा कि चंदौली के किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए 2 साल पहले काले चावल की एक वैरायटी का प्रयोग यहां किया गया था. पिछले साल खरीफ के सीजन में करीब 400 किसानों को ये चावल उगाने के लिए दिया गया. इन किसानों की एक समिति बनाई गई, इसके लिए मार्केट तलाश किया गया.
उन्होंने कहा कि सामान्य चावल जहां 35-40 रुपये किलो के हिसाब से बिकता है, वहीं ये बेहतरीन चावल 300 रुपए तक बिक रहा है. बड़ी बात ये भी है कि ब्लैक राइस को विदेशी बाज़ार भी मिल गया है. पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ये चावल निर्यात हुआ है, वो भी करीब साढ़े 800 रुपए किलो के हिसाब से.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के प्रयासों और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को कितना लाभ हो रहा है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण चंदौली का काला चावल (ब्लैक राइस) है. ये चावल चंदौली के किसानों के घरों में समृद्धि लेकर आ रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं. क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए, अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेनदेन ही ठीक समझता है तो, उस पर भी कहां रोक लगाई गई है.
सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड
उन्होंने कहा कि हमने वादा किया था कि स्नामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुणा MSP देंगे. ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया, बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है.
जब इस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे तो सच अपने आप सामने आ जाएगा. हमने कहा था कि हम यूरिया की कालाबाज़ारी रोकेंगे और किसान को पर्याप्त यूरिया देंगे. बीते 6 साल में यूरिया की कमी नहीं होने दी. यहां तक कि लॉकडाउन तक में जब हर गतिविधि बंद थी, तब भी दिक्कत नहीं आने दी गई.
सिर्फ दाल की ही बात करें तो 2014 से पहले के 5 सालों में लगभग साढ़े 6 सौ करोड़ रुपए की ही दाल किसान से खरीदी गईं. लेकिन इसके बाद के 5 सालों में हमने लगभग 49 हज़ार करोड़ रुपए की दालें खरीदी हैं यानी लगभग 75 गुना बढ़ोतरी.
2014 से पहले के 5 सालों में पहले की सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए का धान खरीदा था. लेकिन इसके बाद के 5 सालों में 5 लाख करोड़ रुपए धान के MSP के रूप में किसानों तक हमने पहुंचाए हैं. यानी लगभग ढाई गुना ज्यादा पैसा किसान के पास पहुंचा है.
04:35 PM IST